सत्यनिष्ठा अनुबंध
फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, आगे ‘‘एफ एस एन एल’’ नाम से संबोधित
एवं
.............................., आगे ‘‘निविदाकार/ठेकेदार’’ नाम से संबोधित
के मध्य
सत्यनिष्ठा अनुबंध
प्रस्तावना
विहित संगठनात्मक प्रक्रियाओं के तहत एफ एस एन एल ............................. के लिए ठेका प्रदान करना चाहती है। एफ एस एन एल, समस्त प्रयोज्य कानून, नियम, नियमन आदि का संपूर्ण अनुपालन, संसाधनों का मितव्ययिता के साथ उपयोग, तथा अपने निविदाकारों/ठेकेदारों के साथ अपने रिश्तों में सत्यता एवं पारदर्शिता को महत्व देती है।
इन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु एफ एस एन एल द्वारा एक स्वतंत्र बाह्य जांचकर्ता (एक्सटर्नल इण्डिपेंडेन्ट माॅनीटर) नियुक्त किया जाएगा, जो उपरोक्त सिद्धांतों के अनुपालन हेतु निविदा प्रक्रिया एवं निविदा के क्रियान्वयन की निगरानी करेगा।
खण्ड-1 एफ एस एन एल की प्रतिबद्धता
1) एफ एस एन एल, भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने के लिए तथा निम्नलिखित सिद्धांतों के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध हैः :
- एफ एस एन एल का कोई भी कर्मचारी, व्यक्तिगत रूप से अथवा पारिवारिक सदस्यों के माध्यम से, निविदा अथवा उसके संबंध में, या निविदा के क्रियान्वयन हेतु अपने लिए अथवा किसी तीसरे व्यक्ति के लिए ऐसी कोई भी वस्तु अथवा अनुचित लाभ की न तो मांग करेगा, न ही प्रदान करने अथवा प्राप्त करने हेतु वचनबद्ध होगा, जिसके लिए वह व्यक्ति वैधानिक रूप से हकदार नही है।
- निविदा प्रक्रिया के दौरान, एफ एस एन एल, समस्त निविदाकारों के साथ समान विचार एवं व्यवहार कायम रखेगी, सभी निविदाकारों को समान सूचना प्रदान करेगी तथा किसी भी निविदाकार को ऐसी कोई भी गोपनीय/अतिरिक्त सूचना प्रदान नही करेगी, जिससे निविदाकार को निविदा के संबंध में अथवा निविदा के क्रियान्वयन के संबंध में कोई लाभ मिल सके।
- एफ एस एन एल द्वारा प्रक्रिया में सभी ज्ञात नुकसानदायक व्यक्तियों को शामिल नही किया जाएगा।
2) यदि एफ एस एन एल को अपने किसी कर्मचारी के आचरण के संबंध में कोई ऐसी सूचना प्राप्त होती है, जो भारतीय दण्ड संहिता/दण्ड संहिता के तहत आपराधिक प्रकरण है, अथवा इस संबंध में तात्विक संशय होने पर एफ एस एन एल द्वारा अपने सतर्कता कार्यालय को सूचित किया जाएगा, और इसके साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जा सकेगी।
खण्ड-2 निविदाकारों/ठेकेदारों की प्रतिबद्धता
निविदाकार/ठेकेदार भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए अपने आप को प्रतिबद्ध करता हैं। निविदा प्रक्रिया में भाग लेने एवं ठेका के क्रियान्वयन के दौरान वह निम्नलिखित सिद्धांतों के अनुपालन के लिए वचनबद्ध हैः
- निविदाकरा/ठेकेदार,निविदा प्रक्रिया के दौरान अथवा ठेका के क्रियान्वयन के दौरान निविदा प्रक्रिया अथवा ठेके के क्रियान्वयन से संबंधित कोई लाभ प्राप्त करने के प्रतिकार स्वरूप सीधे तौर पर अथवा किसी अन्य व्यक्ति या फर्म के माध्यम से,निविदा प्रक्रिया में अथवा ठेका के क्रियान्वयन में शामिल एफ एस एन एल के किसी भी कर्मचारी को अथवा किसी तीसरे व्यक्ति को कोई वस्तु अथवा अनुचित लाभ प्रदान करने की न तो पेशकश, न वादा करेगा और न ही उपलब्धकराएगा जिसके लिए वह वैधानिक रूप से पात्र नही है।
- निविदाकार/ठेकेदार, अन्य निविदाकारों के साथ किसी भी प्रकार का औपचारिक अथवा अनौपचारिक अप्रकटित समझौता अथवा सहमति स्थापित नही करेगा। यह विशेषतः, मूल्य, विनिर्देश, प्रमाणन, गौण निविदा, निविदा प्रस्तुति अथवा अप्रस्तुति, या कोई भी अन्य गतिविधि जो प्रतिस्पर्धा में बाधक हो अथवा निविदा प्रक्रिया को बाधित करता हो, पर प्रयोज्य है।
- निविदाकार/ठेकेदार भारतीय दण्ड संहिता/दण्ड संहिता में दण्डनीय कोई भी कृत्य नही करेगा। साथ ही एफ एस एन एल द्वारा व्यावसायिक संबंध के तहत प्रदत्त योजना, तकनीकी प्रस्ताव तथा व्यावसायिक विवरणों को एवं इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रदत्त/उपलब्ध सूचनाओं का अनुचित उपयोग निविदाकार/ठेकेदार द्वारा प्रतिस्पर्धा हेतु अथवा व्यक्तिगत लाभ हेतु नही किया जाएगा, और न ही किसी अन्य को सूचित किया जाएगा।
- निविदाकार/ठेकेदार द्वारा, अपनी निविदा प्रस्तुत करते समय, निविदा प्रदान किए जाने के संबंध में एजेंटों, दलालों अथवा किसी भी अन्य बिचैलिए को उसके द्वारा किए गए, किए जाने वाले एवं प्रतिबद्धित किसी भी एवं समस्त भुगतान का विवरण प्रकटित किया जाएगा।
- निविदाकार/ठेकेदार किसी अन्य व्यक्ति को उपरोक्त संदर्भित अपराध करने हेतु न तो उत्प्रेरित करेगा, और न ही ऐसे कृत्य का सहयोगी बनेगा।
खण्ड-3 निविदा प्रक्रिया हेतु अयोग्यता एवं भावी निविदाओं से वर्जन
- ठेका प्रदान करने के पूर्व अथवा क्रियान्वयन के दौरान यदि निविदाकार/ठेकेदार द्वारा उपरोक्त खण्ड-2 का उल्लंघन करते हुए कोई अपराध किया जाता है, अथवा किसी अन्य रूप में जैसे अपने प्रत्यय अथवा विश्वसनीयता को ताक पर रखा जाता है, तो ऐसी अवस्था में एफ एस एन एल इस निविदाकार/ठेकेदार को निविदा प्रक्रिया से अयोग्य घोषित किया जा सकता है, अथवा इन कारणों से उसे प्रदत्त निविदा को निरस्त किया जा सकता है
- निविदाकार/ठेकेदार द्वारा उपरोक्त खण्ड-2 का उल्लंघन करते हुए, कोई अपराध जैसे, अपने प्रत्यय अथवा विश्वसनीयता को ताक पर रखा जाता है, तो ऐसी अवस्था में एफ एस एन एल ऐसे निविदाकार/ठेकेदार को भविश्य के निविदा प्रक्रियाओं में भी शामिल नही कर सकती है। इस तरह शामिल नही किए जाने की अवधि, उल्लंघन की संगीनता पर निर्भर करेगी। प्रकरण की अवस्थाओं को मद्धेनज़र रखते हुए, विशेषतः उल्लंघनों की संख्या, निविदाकार/ठेकेदार की कंपनी में उल्लंघनकर्ता का पद तथा क्षति की मात्रा के आधार पर संगीनता का निर्धारण किया जाएगा। ऐसे बहिष्कार की न्यूनतम अवधि 6 माह एवं अधिकतम अवधि 3 वर्षों की होगी।
- निविदाकार/ठेकेदार द्वारा किए गए क्षति की प्रतिपूर्ति करने एवं एक उपयुक्त भ्रष्टाचार निरोधक प्रणाली प्रयुक्त कर दिए जाने के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करने की अवस्था में एफ एस एन एल द्वारा बहिष्कार के समय का अवधिपूर्व समापन किया जा सकता है।
- उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर किसी भी प्रकार की शंका न होने पर ही उल्लंघन का प्रकरण सही माना जाएगा।
खण्ड-4: क्षति का प्रतिपूरण
- उपरोक्त खण्ड-3 के अनुसार यदि एफ एस एन एल द्वारा किसी निविदाकार को निविदा प्रक्रिया से अयोग्य घोषित किया जाता है, तो एफ एस एन एल, ऐसे निविदाकार से निविदा के कुल मूल्य के 3 प्रतिशत अथवा जमा की गई अर्नेस्ट मनी/निविदा प्रतिभूति के समतुल्य राशि, इनमें से जो भी अधिक हो, की क्षतिपूर्ति की मांग करने की हकदार है।
- यदि खण्ड-3 के अनुसार एफ एस एन एल द्वारा निविदा समाप्त कर दी जाती है, अथवा खण्ड-3 के अनुसार एफ एस एन एल निविदा को समाप्त कर सकती है, तो ऐसी अवस्था में एफ एस एन एल, निविदा मूल्य के 5 प्रतिशत के समतुल्य राशि अथवा जमा की गई प्रतिभूति राशि/बैंक गारन्टी की राशि, इनमें से जो भी अधिक हो, निविदाकार से क्षतिपूर्ति के रूप में मांग सकती है/वसूल कर सकती है।
- यदि निविदाकार/ठेकेदार द्वारा यह साबित किया जाता हैं कि निविदा प्रक्रिया से उन्हें अयोग्य घोषित करने अथवा ठेका प्रदान करने के उपरांत उसे समाप्त करने की वजह से किसी प्रकार की क्षति नही हुई है, अथवा निर्णीत हर्जाने की राशि से कम क्षति हुई है, ऐसी अवस्था में निविदाकार/ठेकेदार को केवल ऐसी प्रमाणित राशि की ही आपूर्ति करनी होगी। दूसरी तरफ, यदि एफ एस एन एल यह साबित करती है कि निविदा प्रक्रिया से निविदाकार/ठेकेदार को अयोग्य घोषित करने अथवा ठेका प्रदान करने के उपरांत उसे समाप्त करने की वजह से हुई क्षति, निर्णीत हर्जाने की राशि से अधिक है, तब, वह ऐसी क्षति के विरुद्ध अधिक हर्जाने की मांग के लिए पात्र होगी।
खण्ड-5 पूर्व उल्लंघन
- निविदाकार यह घोषित करता है कि विगत 3 वर्षों के दौरान उसके विरुद्ध किसी भी देश के किसी अन्य संस्थान में अथवा भारत के किसी अन्य लोक उद्यम में भ्रष्टाचार निरोधक दृष्टिकोण के अंतर्गत उल्लंघन का कोई भी प्रकरण नही है, जो निविदा प्रक्रिया से उसे अयोग्य घोषित किया जाने को उचित ठहरा सके।
- यदि इस विषय पर निविदाकार कोई गलत अभिव्यक्ति प्रदान करता है, तो इसके लिए उसे निविदा प्रक्रिया हेतु अयोग्य घोषित किया जा सकता है, अथवा उसे प्रदान किए जा चुके निविदा को समाप्त किया जा सकता है।
खण्ड-6 सभी निविदाकारों/ठेकेदारों/उप-ठेकेदारों के साथ समान व्यवहार
- निविदाकारों/ठेकेदारों का यह उत्तरदायित्व है कि वे सभी उप-ठेकेदारों से, इस सत्यनिष्ठा अनुबंध के अनुरूप प्रतिबद्धता स्वीकृत करवाकर निविदा हस्ताक्षर होने के पूर्व उसे एफ एस एन एल में जमा करें।
- एफ एस एन एल, समस्त निविदाकारों, ठेकेदारों एवं उप-ठेकेदारों के साथ इन्ही शर्तों पर समझौता हस्ताक्षरित करेंगे।
- एफ एस एन एल ऐसे सभी निविदाकारों को निविदा प्रक्रिया से अयोग्य घोषित करेगी, जो इस अनुबंध को हस्ताक्षरित नही करेंगे।
खण्ड-7 उल्लंघन करने वाले निविदाकारों/ठेकेदारों/उप-ठेकेदारों के विरुद्ध आपराधिक दोष
यदि एफ एस एन एल को किसी निविदाकार, ठेकेदार अथवा उप-ठेकेदार या निविदाकार, ठेकेदार अथवा उप-ठेकेदारके किसी कर्मचारी या किसी प्रतिनिधि अथवा सहयोगी के ऐसे आचरण का पता लगता है जो भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है, अथवा यदि एफ एस एन एल को इस संबंध में ठोस आशंका है तो एफ एस एन एल इसे सतर्कता कार्यालय को सूचित करेगी।
खण्ड-8 बाह्य स्वतंत्र मानीटर
इस अनुबंध के लिए एफ एस एन एल द्वारा एक सक्षम एवं विश्वसनीय बाह्य स्वतंत्र माॅनीटर को नियोजित किया जाता है। माॅनीटर का नियत कार्य, निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से यह निरीक्षण करना है कि क्या एवं किस हद तक ये पक्षकार इस अनुबंध के तहत उद्धेश्यों का अनुपालन करते हैं।
पक्षकारों के प्रतिनिधि, माॅनीटर को निर्देशित नही कर सकते हैं, एवं माॅनीटर अपना कार्य निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से संपन्न करता है। वह एफ एस एन एल के प्रबंध निदेशक को प्रतिवेदित करता है।
निविदाकार/ठेकेदार यह स्वीकार करते हैं कि माॅनीटर, बिना किसी प्रतिबंध के, ठेकेदारों द्वारा दिए गए कागजातों के साथ-साथ एफ एस एन एल के समस्त परियोजना कागजातों का निरीक्षण कर सकता है। मानीटर की मांग एवं जायज महत्व प्रदर्शित किए जाने पर, ठेकेदार द्वारा, अपने परियोजना के कागजातों की बिना किसी प्रतिबंध एवं शर्त के जांच का अधिकार प्रदान किया जाएगा। यह उप-ठेकेदारों पर भी लागू है। निविदाकारों/ठेकेदारों/उप-ठेकेदारों के दस्तावेजों की गोपनीयता हेतु माॅनीटर पर अनुबंधनात्मक प्रतिबंध है।
पक्षकारों के मध्य परियोजना से संबंधित समस्त बैठकों की पर्याप्त सूचना एफ एस एन एल द्वारा माॅनीटर को प्रदान की जाएगी, बशर्ते कि ऐसे बैठक, ठेकेदार एवं एफ एस एन एल के मध्य अनुबंधनात्मक संबंध को प्रभावित कर सकते हों। पक्षकार, ऐसी बैठकों में शामिल होने का वैकल्पिक आमंत्रण माॅनीटर को दे सकते हैं।
जैसे ही माॅनीटर को इस अनुबंध का कोई उल्लंघन नज़र आता है, अथवा उल्लंघन प्रतीत होता है, वे इसे एफ एस एन एल प्रबंधन को सूचित करेंगे एवं प्रबंधन से ऐसे उल्लंघन को रोकने या उसके निराकरण, अथवा कोई अन्य उचित कदम उठाने का अनुरोध करेंगे। इस संबंध में माॅनीटर अबाध्यकारी संस्तुति प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, माॅनीटर को पक्षकारों से एक विहित रूप में कार्य करने की मांग करने, उल्लंघन न करने अथवा बर्दाश्त करने की मांग करने का अधिकार नही है।
एफ एस एन एल द्वारा उल्लेखित किए जाने अथवा उन्हें सूचना प्रदान किए जाने की तिथि से 8 से 10 सप्ताह के भीतर माॅनीटर एफ एस एन एल को लिखित प्रतिवेदन समर्पित करेंगे, और यदि आवश्यक हो तो समस्यात्क परिस्थिति को सुधारने हेतु प्रस्ताव देंगे।
माॅनीटर को एफ एस एन एल के मुख्य महाप्रबंधकों के समतुल्य ओहदा/लाभ प्राप्त होगा, एवंएफ एस एन एल के प्रबंध निदेशक के निमंत्रण पर पुनर्विलोकन बैठक में भाग लेने के एवज में प्रति तीन महीनों में रु.4,500/- की दर से प्रतिकार प्राप्त करने के पात्र होंगे।
यदि माॅनिटर द्वारा एफ एस एन एल के प्रबंध निदेशक को विहित भारतीय दण्ड संहिता/दंण्ड संहिता अधिनियम के तहत अपराधिक गतिविधि के प्रामाणिक संदेह संबंधी प्रतिवेदन प्रदान किया जाता है, तथा प्रबंध निदेशक द्वारा नियत समयावधि में ऐसे अपराध के विरुद्ध स्पष्ट कार्यवाही नही की जाती है अथवा सतर्कता कार्यालय को इसकी सूचना नही दी जाती है, ऐसी स्थिति में माॅनीटर द्वारा इसकी सूचना सीधे भारत सरकार, केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भी प्रेषित की जा सकती है।
‘‘मानीटर’’ शब्द में एकवचन एवं बहुवचन दोनों शामिल हैं।
खण्ड-9 अनुबंध की अवधि
दोनों पक्षों द्वारा वैधानिक रूप से हस्ताक्षरित करने के उपरांत यह अनुबंध प्रारम्भ होती है। ठेकेदारों के लिए, विभिन्न ठेकों के तहत उन्हें किए गए अंतिम भुगतान के 12 महीनों की अवधि के पश्चात यह अनुबंध समाप्त होती है, तथा ठेका प्रदान होने के 6 महीनों की अवधि के पश्चात अन्य सभी निविदाकारों के लिए यह अनुबंध समाप्त होती है।
इस अवधि में यदि कोई दावा प्रस्तुत/दायर किया जाता है तो यह बाध्यकारी होगी तथा एफ एस एन एल के प्रबंध निदेशक द्वारा निराकृत/निर्णयित नही किए जाने की अवस्था में, ऊपर उल्लेखित रूप से अनुबंध की समाप्ति के पश्चात भी वैध होगी।
खण्ड-10 अन्य प्रावधान
यह अनुबंध भारतीय विधि के अधीन है। निष्पादन का स्थान एवं दायरा एफ एस एन एल का निगमन कार्यालय, अर्थात्, भिलाई है।
परिवर्तन एवं अनुपूरक तथा समापन सूचनाएं लिखित रूप में देनी होंगी। पक्षीय अनुबंध नही किए गए हैं। विक्रेता के साझेदार अथवा संकाय होने की अवस्था में यह अनुबंध सभी साझेदारों एवं संकाय सदस्यों के द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना है।
इस अनुबंध के किसी एक अथवा कई प्रावधानों के अप्रयोज्य होने की अवस्था में, इस अनुबंध के शेषभाग वैध रहेंगे। ऐसी स्थिति में पक्षों के द्वारा अपने मूल उद्धेश्यों की प्राप्ति हेतु एकमत होने का प्रयास किया जाएगा।
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वास्ते, एफ एस एन एल वास्ते, निविदाकार/ठेकेदार
स्थान : ___________
दिनांक : ___________
गवाहः 1-----------------
(नाम एवं पता)
गवाहः 2-----------------
(नाम एवं पता)